Bgt215
चाहत तो आज भी मेरी उतनी ही है मेरी,
पर किस्मत के हाथों मजबूर हो गए.
देखी जो उनमें अपने लिए बेरूखी,
हम उनकी खुशी के लिए उनसे हमेशा के लिए दूर हो गए.$.D
चाहत तो आज भी मेरी उतनी ही है मेरी,
पर किस्मत के हाथों मजबूर हो गए.
देखी जो उनमें अपने लिए बेरूखी,
हम उनकी खुशी के लिए उनसे हमेशा के लिए दूर हो गए.$.D
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